आईआईएफटी के कार्यकलापों के क्षेत्र में अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि अनुसंधान और प्रशिक्षण के बीच एक मजबूत और व्यापक अन्योन्यक्रिया पर संस्थागत बल दिया जाता है । संस्थान ने अभी तक 700 से अधिक अनुसंधान अध्ययन और सर्वेक्षण प्रकाशित किए हैं । इसके अलावा, इसने अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय स्थितियों में पर्याप्त परामर्श क्षमता और उपयुक्त कॉरपोरेट कार्यनीतियां विकसित की हैं । अनुसंधान कार्यकलाप दोनों अपने स्तर पर व अपने ग्राहकों के अनुरोध पर आयोजित किए जाते हैं जो निम्न प्रकार हैं :
- विदेश स्थित भारतीय मिशन सहित केन्द्रीय और राज्य सरकारों के लिए ।
- अंतरराष्ट्रीय संगठन, जैसे कि डब्ल्युटीओ, अंतरराष्ट्रीय व्यापार केन्द्र, विश्व बैंक, एफएओ, ''एक्केप'', ''अंकटाड'', जर्मन विकास संस्थान आदि के लिए ।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जैसे कि भा.रि.बैंक, एमएमटीसी, एसटीसी, राज्य उद्योग निगम आदि के लिए।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों, जैसे कि ग्लोबल विकास नेटवर्क, पीडब्ल्युसी, आईपीई, ग्लोबल प्रा.लि., डीएफआईडी ।
1963 में जब संस्थान की स्थापना की गई थी इसका मूल कार्य अनुसंधान गतिविधियां थी जिसमें विशेष रूप से निर्यात संभावित सर्वेक्षण से संबंधित कार्यकलाप आयोजित करना था । संस्थान ने न केवल ये उद्देश्य प्राप्त किए हैं बल्कि अनेक प्रकार से इन कार्यों से भी आगे कार्य किए हैं । अनुसंधान के वर्तमान पोर्टफोलियो निम्नलिखित हैं:
- व्यापार नीति अनुसंधान (बहुपक्षीय आदि सहित डब्ल्युटीओ मुद्दों, द्विपक्षीय व्यापार करार, क्षेत्रीय एकीकरण, प्राथमिकता पूर्ण व्यापार करार व द्विपक्षीय)।
- कार्यात्मक अनुसंधान ।
- सर्वेक्षण अनुसंधान ।
- व्यापार डेटाबेस विकास ।
पिछले पांच वर्षों में संस्थान ने लगभग 43 अनुसंधान अध्ययन पूरे किए हैं । इन अनुसंधान अध्ययनों के उद्देश्यों और नति निहितार्थों को मुख्य रूप से निम्नवत विभाजित किया जा सकता है:
- द्विपक्षीय/बहुपक्षीय स्तर पर भारत के बातचीत परिणामों को प्रभावित करना ।
- निर्यात संभावित अध्ययन ।
- व्यापार सुविधा मुद्दे ।
- अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय में नीति निहितार्थों के साथ व्यापार और निवेश प्रवाह ।