
प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) संस्थान का एक प्रमुख कार्यकलाप है । वर्ष 1963 में इसकी स्थापना से परिकल्पना की गई थी कि आईआईएफटी अन्तरराष्ट्रीय व्यवसाय में कार्यपालक विकास कार्यक्रम के लिए एक उत्कृष्टत केन्द्र बनना चाहिए । आज इसके 50 वर्ष पूरे होने के बाद यह एक ज्ञान स्रोत प्रभाग के रूप में उभरा है जो भारत और विदेश दोनों स्थानों पर कॉरपोरेट, सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों से सभी स्तरों पर प्रबंधकों और कार्यपालकों की जरूरतें पूरी कर रहा है ।
एमडीपी का उद्देश्य, प्रतिभागियों को अनुभवी संकाय और साथी प्रतिभागियों की नई अन्तरदृष्टि के साथ अन्योन्यक्रिया करने और विचारों के आदान-प्रदान का एक उत्तम अवसर प्रदान कराना है और अवधारणाओं को बेहतर निर्णय निर्माण में बदलने में मदद करना है । यह व्यवसाय कार्यपालकों के लिए ज्ञान के नए क्षेत्रों का पता लगाने, अपनी दक्षताओं में निपुणता लाने में भी सुविधाएं प्रदान करता है तथा उनके संगठनों को नई ऊँचाइयां प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है ।
हमारे खुले कार्यक्रमों के प्रतिभागियों में कॉरपोरेट क्षेत्र, व्यापार सुविधाकरण एजेन्सियों, सरकार के मंत्रालयों और विभागों से कार्यपालकों , निर्यात संवर्धन संगठन और उद्यमी सम्मिलित हैं ।
मुख्य केन्द्रित क्षेत्र
वित्त प्रबंधन
अंतरराष्ट्रीय भुगतान पद्धति, साख पत्र एवं यूसीपी 600
विदेशी मुद्रा ऋण तथा मुद्रा जोखिम प्रबंधन रणनीति
अंतरराष्ट्रीय वस्तु व्यापार तथा जोखिम प्रबंधन
आईएफआरएस का प्रभाव
विदेशी मुद्रा एवं जोखिम प्रबंधन
परियोजना मूल्यांकन और प्रबंधन
डब्लूटीओ तथा व्यापार नीति व परिचालन
डब्लूटीओ व नया व्यापार क्षेत्र
क्षेत्रीय व्यापार समझौता
एसर्इजेड प्रबंधन
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डब्लूटीओ का प्रयोजन
निर्यात- आयात नीति प्रक्रिया एवं प्रलेखन
अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्ट्क्सि
अंतरराष्ट्रीय विपणन
अंतरराष्ट्रीय विपणन में समकालीन मुद्दे
अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय में सफल रणनीति
वैश्विक आपूर्ति चेन प्रबंधन
बाजार चयन तथा उत्पाद व मूल्य रणनीति
ब्रांड प्रबंधन तथा रणनीति
प्रौद्योगिकी में अंतरराष्ट्रीय व्यापार
ई-गवर्नेंस
ई-बिजनेस
मात्रात्मक तथा गुणात्मक डेटा विश्लेषण
सॉफ्ट कौशल
पार सांस्कृतिक संप्रेषण एवं व्यापार शिष्टाचार
मनोमितीय परीक्षण और व्यापार में इसका अनुप्रयोग
प्रतिभा प्रबंधन
कॉर्पोरेट स्थिरता एवं दायित्व
अंतरराष्ट्रीय व्यापार रणनीति और वार्ता कौशल