
''शानदार एल्युमिनी रीयूनियन'' का आयोजन आईआईएफटी परिसर में 15 नवम्बर 2014 को बड़ी शान-शोकत के बीच किया गया। परम्परा को कायम रखते हुए इस वर्ष भी संस्थान में अपने दिनों की स्मरणीय यादों को ताजा करने के लिए तथा बड़ी संख्या में पूर्व-छात्र आए और अपने पुराने मित्रों व सार्थियों के साथ भेंट भी की। शानदार लाइटों और शोर-शराबे के बीच कैम्पस का नजारा देदीव्यमान था। इस अवसर को अपनी महान उपस्थिति से सुशोभित करने के लिए जैसे ही उनका आना शुरू हुआ, पूर्व-छात्रों की आंखों में बिरह और साथ ही महान गर्व स्पष्टत: दिखाई दिया।
पूर्व-छात्र मिलन दीप प्रज्जवलित करके शुरू हुआ। मंच पर उपस्थित अतिथियों में निदेशक, आईआईएफटी डॉ. सुरजीत मित्रा और साथ ही अध्यक्ष (स्नातक अध्ययन प्रभाग), डॉ. डी. सुनिता राजू और कॉरपोरेट व तैनाती सलाहकार श्री हरकीरत सिंह सम्मिलित थे । डॉ. हरकीरत सिंह ने वर्ष 2014 के लिए विभिन्न शीर्षों के अन्तर्गत पूर्व-छात्र मिलन पर वार्षिक खर्च प्रस्तुत किया। उसके बाद निदेशक महोदय ने भाषण दिया जिसमें उन्होंने उन ऊँचाईयों का जिक्र किया जिन तक संस्थान 2014 के दौरान पहुँचा। उन्होंने पूर्व-छात्रों द्वारा निरंतर अपना विश्वास बनाए रखने और वर्ष 1963 में संस्थान की स्थापना से इसे अपना समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। उसके बाद निष्पादन कलाओं के क्षेत्र में आईआईएफटी के छात्रों की प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया । इसी क्रम में इतना ही अविस्मरणीय एकल नृत्य का प्रदर्शन उत्साहपूर्ण समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया। दिल्ली आधारित एनजीओ ''आरोहण'' के बच्चों ने एक नृत्य प्रस्तुत किया जिसने सभी के दिल को छू लिया।
आईआईएफटी छात्रों ने एक व्यंग्य रचना भी प्रस्तुत की जिसमें भिन्न-भिन्न धर्मों के बीच एकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया। सांस्कृतिक प्रदर्शन के अंत में एक एकल गीत और गिटार प्रदर्शन किया गया जिससे श्रोतागण अत्यंत आनन्दित हुए। उसके बाद शाम का आनन्दमय क्षण आया जबकि श्रोतागणों ने वर्ष के पूर्व-छात्र के बारे में जाना। गौरवमय टाइटल श्री मोहित मल्होत्रा, सीईओ, डाबुर इन्टरनेशनल को प्रदान किया गया जो वर्ष 2003 बैच के एक पूर्व-छात्र हैं। श्री मल्होत्रा ने सम्मान को बड़ी प्रतिष्ठा और विनम्रता के साथ स्वीकार किया और उसके बाद एक शानदार भाषण दिया जिसने छात्रों और पूर्व-छात्रों को अपने-अपने जीवन में और अधिक ऊँचाईयां प्राप्त करने के लिए समान रूप से प्रेरित किया। उसके बाद सभी उपस्थित जनों के समक्ष भारत के एक अत्यन्त जाने-माने बेण्ड द्वारा एक आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया गया। बेण्ड ने अपना क्लासिक ट्रेक प्रस्तुत किया जिसने श्रोतागणों को आनंदित करके दिल्ली की शीत ऋतु को थाम दिया और उन्हें अपनी धुनों पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया। पूर्व-छात्रों ने इस समय का उपयोग अपनी पुरानी दोस्ती की यादों को ताजा करने और नए मित्र बनाने के लिए किया।