परिसर जीवनशैली

परिसर जीवनशैली

परिसर जीवनशैली

दस बातें जो आईआईएफटी को विशेष बनाती हैं जैसे कि मदिरा, आईआईएफटी समय के साथ-साथ बेहतर बनता जाता है। ब्राण्‍ड आईआईएफटी ने धीरे-धीरे किन्‍तु निश्चित रूप से आधी शताब्‍दी के दौरान अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यवसाय के क्षेत्र में अपने आपको एक पथ प्रदर्शक के रूप में स्‍थापित किया है। यद्यपि छात्र अथक रूप से कठोर परिश्रम करते हैं तथापि उन्‍हें कल के नेता और एक उत्‍कृष्‍ट व्‍यक्ति के रूप में सवारा और तैयार किया जाता है।

स्‍थान

 

आईआईएफटी, भारत के शक्ति केन्‍द्र के मध्‍य में, संजय बन जो नगर में एक सबसे बड़ा वन का टुकड़ा है, जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, दिल्‍ली के निकट स्थित है।
परिसर की एक सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि यह हमारी भीड़-भाड़ और तेज गति वाली राष्‍ट्रीय राजधानी से परे एक अलग-थलग स्‍थान पर है। अधिकांश होस्‍टल कमरों से ऐतिहासिक कुतुब मिनार और संजय वन का एक नजारा देखने को मिलता है तथा दोनों का मिश्रण जो एक ऐसा दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है जो शरद ऋतु की सुबह को और भी अधिक सुन्‍दर बना देता है। यह एक शान्‍त और दृश्‍यक नजारा पेश करता है जो शैक्षिक उत्‍कृष्‍टता के लिए मस्तिष्‍क का निर्माण करने के लिए जरूरी है।
आईआईएफटी, दिल्‍ली के कुछेक प्रसिद्ध मॉल, 2 मल्‍टीप्‍लेक्‍सों, कला प्रेमियों के लिए हौज खास ग्राम व अन्‍य पुरातन स्‍थापनाओं से जैसे कि राजिन्‍दर दा ढाबा और खाद्य पदार्थों के लिए करीम से 15 मिनट की दूरी पर है। दो उद्यान तथा भारत का एक सर्वोच्‍च पसन्‍दीदा स्‍थान (पुन: संजय वन) है। हम निश्चित रूप से यह निष्‍कर्ष निकाल सकते हैं कि आकार में मात्र 6 एकड़ होने के बावजूद आईआईएफटी छात्रों को घूमने के लिए जगह की कोई कमी नहीं है।
सीमित धनराशि अथवा तंग बजट वाले चटोरे और खाद्य प्रेमियों के लिए आईआईएफटी के बाहर सड़कों पर दिल्‍ली के कुछेक नामी ढाबे मौजूद हैं। परांठों से लेकर बिस्‍कुट, चाय से लेकर कोक तक हमारे व प्रशिक्षण के दौरान प्रबंधकों के लिए खाने-पीने की कोई कमी नहीं है। चाहे सुबह के 4 बजे हों या रात के बारह आप निश्चिन्‍त हो सकते हैं कि सड़क के किनारे स्थित ढाबे आपकी किसी भी क्षुधा को शान्‍त कर देंगे।


सीखने का वास्‍तविक समय -बन्‍दरगाह का दौरा

 

हमारा विश्‍वास है कि आईआईएफटी में अध्‍ययन केवल कक्षा के कमरे तक सीमित नहीं रहना चाहिए। ''अंतरराष्‍ट्रीय'' व्‍यवसाय की समझ प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से द्वितीय वर्ष के सभी छात्रों को देशज अथवा अंतरराष्‍ट्रीय बन्‍दरगाहों का दौरा करने का अवसर प्रदान किया जाता है जैसे कि भारत में मुन्‍द्रा, विजाग, कोलकाता, मुम्‍बई और कोचि तथा विदेश में दुबई, कोलम्‍बो, हांगकांग अथवा सिंगापुर। शैक्षिक अनुभव होने के अतिरिक्‍त यह बाहरी स्‍थानों पर मित्रों से मिलने का अवसर भी मिलता है।

आईआईएफटी समाज की भी देखभाल करता है - सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम

 

आईआईएफटी आधुनिक दिवा प्रबंधकों का निर्माण करने में भी विश्‍वास करता है जो एक जिम्‍मेदार कॉरपोरेट नागरिक होने के अलावा देश के दयालु नागरिक भी हों और समाज को हर सम्‍भव तरीके से वापस देने में विश्‍वास करते हों। सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम इस तथ्‍य का एक प्रमाण है जिसके अंतर्गत प्रत्‍येक छात्र एक महीने के लिए नगर के विभिन्‍न एनजीओ के साथ इन्‍टर्नशिप लेता है जो वृद्धों और निराश्रितों, मादक औषधि सेवकों और मदीरा व्‍यसनियों, महिलाओं की देखभाल करते हैं। और जन व्‍यापार, बाल दुरूपयोग इत्‍यादि जैसी बुराइयों से संघर्ष करते हैं। शेष समय आईआईएफटी का अत्‍यंत सक्रिय सामाजिक जागरूकता प्रकोष्‍ठ ''कोशिश'' बहुत से धनराशि, खाद्य, पुस्‍तकें और कपड़े जुटाने के अभियान आयोजित करता है तथा देने की भावना को परिसर में बनाए रखता है।




अल्‍टीमेट वेरियर्स लीग (यूडब्‍ल्‍युएल)

यूडब्‍ल्‍युएल कलेण्‍डर में आईआईएफटी का सर्वाधिक प्रत्‍याशित समारोह है। एक सप्‍ताह तक चलने वाले एक अंतरा-कॉलेज खेल समारोह का उद्देश्‍य छात्रों को उनकी इच्‍छानुसार अवसर प्रदान करते हुए उनकी प्रबंधन दक्षताओं और एथलिटिक योग्‍यताओं का परीक्षण करना है। आईपीएल की तरह ही इसकी कल्‍पना करते हुए यूडब्‍ल्‍युएल छात्रों को टीमों और खिलाडि़यों के लिए बोली लगाने का अवसर प्रदान करती है। प्रत्‍येक टीम के दो ब्रान्‍ड प्रबंधक भी होते हैं जो पण्‍यकरण (मर्चेनडाइजिंग) और ब्रान्डिंग का काम करते हैं। उदघाटन समारोह से लेकर पुरस्‍कार वितरण तक कभी कोई खाली समय नहीं रहता। यूब्‍ल्‍युएल सभी छात्रों के लिए वास्‍तविक दुनिया में अपने अध्‍ययन का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करती है। यूडब्‍ल्‍युएल के दौरान टाइटल और वास्‍तविक धनराशि के लिए चार टीमों के संघर्ष के साथ-साथ पूरा कॉलेज सजीव हो उठता है और आनन्‍द लेता है ।



परिसर जीवनशैली

 

चूंकि बैच में संख्‍या कम होती है इसलिए छात्रों के बीच मित्रता काफी अधिक होती है तथा परिसर में प्रत्‍येक व्‍यक्ति एक-दूसरे को जानता है। परिसर की एक विशेषता यह है कि सभी उत्‍सवों को पूरे जोश और उत्‍साह के सा‍थ मनाया जाता है। चाहे ईद पर बिरयानी हो अथवा दिवाली पर पटाखे और रंगोली हो अथवा लोहड़ी पर ढोल और आग जलाने की बात हो, ये समारोह छात्र संस्‍कृति का अभिन्‍न अंग हैं।



शैक्षिक जीवन की सभी कठिनाइयों के बावजूद आईआईएफटी के छात्र निश्चित रूप से यह जानते हैं कि किसी समय को कैसे बिताया जाएा  और जब हम कोई अपना पसंदीदा कार्य करते हैं तो एक पार्टी की तरह हम जानते हैं कि कोई कल नहीं है। संगीत, परिवेश हमें सभी प्राप्‍त होता है। पार्टियॉं सूर्योदय पर समाप्‍त नहीं होती, प्रत्‍येक पार्टी नई कहानियों और अफवाहों का एक स्रोत होता है जिससे कि छात्रों को जब भी खाली समय मिले वो व्‍यस्‍त हो जाएं।


वर्ष में एक बार हम वार्षिक प्रबंधन समारोह ''क्‍वॉ वाडिस'' के साथ आगे बढ़ते हैं जिसका आयोजन छात्रों द्वारा किया जाता है और यह परिसर में होने वाला एक बड़ा समारोह है। तीन दिन के लिए छात्र पूरे भारत के श्रेष्‍ठ 'बी' स्‍कूलों से आईआईएफटी में अनेक प्रबंधन और सांस्‍कृतिक समारोहों में भाग लेने के लिए आते हैं। ''क्‍वॉ वाडिस'' में आईआईएफटी को सम्मिलित करते हुए भारत की सर्वोत्‍तम प्रतिभा देखने को मिलती है। दिन भर के कठिन कार्य के बाद ''क्‍वॉ वाडिस'' में हर रात संगीत, नृत्‍य और रंगरेलियॉं मनाई जाती हैं।


संगोष्ठियां और कॉनक्‍लेव

आईआईएफटी प्रत्‍येक वर्ष विभिन्‍न विषयों जैसे कि विपणन, वित्‍त, व्‍यापार, आपरेशन्‍स और सिस्‍टम्‍स पर कॉनक्‍लेव और संगोष्ठियॉं आयोजित करता है । विशिष्‍ट वक्‍ताओं द्वारा प्रत्‍येक समारोह में श्रोतागणों को मंत्र-मुग्‍ध करते हुए यह छात्रों को उद्योग से परिश्रमी और परिपक्‍व व्‍यावसायिकों के साथ संवाद और उससे सीखने का अवसर प्रदान करता है।

पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या

 

इस तथ्‍य के अलावा कि आईआईएफटी छात्रों का चयन देश में एक सर्वाधिक कठिन प्रक्रियाओं के माध्‍यम से करता है (आवेदन करने वाले लगभग 60000 उम्‍मीदवारों में से केवल लगभग 200 सफल हो पाते हैं) तथा अपनी जोरदार पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या के लिए जाना जाता है और अनेक उद्योग रैंकिंग प्राधिकारियों द्वारा सर्वोंत्‍तम पाठ्यक्रम संरचना के लिए प्रख्‍यात 3 संस्‍थानों में से एक रहा है। उद्योग से प्रमुख व्‍यक्तियों, शिक्षाविदों और आईआईएफटी के परिश्रमी पूर्व छात्रों को मिलाकर एक समिति‍ लगातार पाठ्यक्रम की समीक्षा करती है और इसे कुल मिलाकर उद्योग की पूरी आवश्‍यकताओं के अनुरूप बनाने का प्रयास करती है। एक अतिरिक्‍त  आईआईएफटी में प्रत्‍येक विषय में अंतरराष्‍ट्रीय प्रथाओं के एक पहलू का शिक्षण प्रदान किया जाता है जिससे छात्र वास्‍तव में विश्‍व व्‍यवसाय प्रबंधक बनते हैं। कहने की आवश्‍यकता नहीं है कि जहां तक विदेश व्‍यापार में पाठ्यचर्या का संबंध है, आईआईएफटी के अलावा ऐसा कोई संस्‍थान नहीं है जो वित्‍त, विपणन, कार्यनीति, ऑपरेशन्‍स और सिस्‍टम्‍स जैसे नियमित विषयों के अलावा, विशेषज्ञता प्राप्‍त करने के लिए अतिरिक्‍त विषय उपलब्‍ध कराता है। छोटी डिग्रियों के लिए अनेक विकल्‍पों के साथ छात्र जिस विषय में चाहे विशेषज्ञता प्राप्‍त कर सकते हैं।

छात्र और संकाय नियमित कार्यक्रम

 

आईआईएफटी दिल्‍ली का एक नियोजित आदान-प्रदान कार्यक्रम है जिसे विश्‍व के कुछ प्रमुख संस्‍थानों के साथ गठबंधन करके सुविधाजनक बनाया है। ये सहयोग मुख्‍यत: छात्र और संकाय आदान-प्रदान कार्यक्रमों, अनुसंधान के संबंध में संयुक्‍त सहयोगों तथा विभिन्‍न अन्‍य क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के संबंध में हैं। प्रत्‍येक वर्ष, प्रथम वर्ष बैच से लगभग 15-20 प्रतिशत छात्र यूरोप के विश्‍वविद्यालयों में एक ट्राईमेस्‍टर (जनवरी-मार्च) के लिए पाठ्यक्रम लेते हैं तथा इन भागीदार संस्‍थानों से लगभग 20 छात्र भिन्‍न-भिन्‍न ट्राईमेस्‍टरों में आईआईएफटी में अपना समय व्‍यतीत करते हैं।
हाल ही में शुरू किए गए संकाय आदान-प्रदान कार्यक्रम से अनेक संकाय सदस्‍यों को सम्‍बद्ध संस्‍थानों से संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठाने में भी मदद मिली है और इस प्रकार उन्‍हें इस प्रक्रिया से अपार लाभ प्राप्‍त करने में मदद मिली है। आईआईएफटी के कुछेक भागीदार संस्‍थान: स्‍ट्रास्‍बोर्ग ग्रेडुएट स्‍कूल आफ मेनेजमेंट-फ्रांस, नयेनरोडे, हालेण्‍ड ओर सारलेण्‍ड, जर्मनी आदि हैं ।

आईआईएफटी में अनुसंधान

 

भारत में डब्‍ल्‍युटीओ अध्‍ययन केन्‍द्र की स्‍थापना आईआईएफटी में नवम्‍बर 2002 में की गई थी। वर्षों के दौरान केन्‍द्र ने विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍युटीओ) में रूचि के सभी क्षेत्रों में अनेक पत्रों के साथ एक जोरदार अनुसंधान कार्यक्रम आयोजित किया है। इससे भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से अनुसंधान आयोजित करने और स्‍वतन्‍त्र  विश्‍लेषणात्‍मक इनपुट उपलब्‍ध कराने के लिए कहा जाता है जिससे डब्‍ल्‍युटीओ और अन्‍य अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर दोनों जगह इसकी विभिन्‍न व्‍यापार बातचीत में स्‍थान बनाने में मदद मिल सके। इसके अतिरिक्‍त केन्‍द्र सेमिनार, कार्यशालाएं, विषयविशिष्‍ट बैठकें आयोजित करके अपने आउटरीच व क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्‍यम से सरकारी इकाइयों और साथ ही अन्‍य साझीदारों और उद्योग के साथ सक्रिय रूप से संवाद आयोजित करता रहा है। केन्‍द्र, पणधारियों व नीति निर्माताओं के बीच मतैक्‍य कायम करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।

आईआईएफटी - एक 50 वर्ष पुरानी विरासत

 

आईआईएफटी दिल्‍ली की सर्वोच्‍च मांग होती रहती है तथा यह एमबीए (अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यवसाय) में डिग्री के लिए भारत में सर्वोच्‍च रेंक प्राप्‍त स्‍कूल है। इसकी स्‍थापना वाणिज्‍य मंत्रालय द्वारा वर्ष 1963 में की गई थी तथा यह सीधे ही महानिदेशालय, विदेश व्‍यापार के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है। आईआईएफटी, दिल्‍ली अपनी स्‍वर्ण जयन्‍ती वर्षगांठ मनाएगा। प्रबंधन शिक्षा में लगातार 50 वर्ष की उत्‍कृष्‍टता के फलस्‍वरूप, विश्‍व के लगभग प्रत्‍येक बड़े देश में उद्योगों मे उपस्थिति के साथ लगभग 8000 से अधिक एक समृद्ध व विविधतापूर्ण नेटवर्क का सृजन हुआ है। आईआईएफटी ने बड़ी संख्‍या में कुछेक उत्‍कृष्‍ट व्‍यक्तियों का निर्माण किया है जो अब एचयूएल, बार्कलेज, कारगिल, लुइस डेरीफुस, यूबी ग्रुप, मेनचेस्‍टर यूनाइटिड, वेदान्‍ता रिसोर्सिस, एडेलवईस ग्रुप, कारगिल इण्डिया, एसआईडीबीआई, भारती एयरटेल आदि जैसे विश्‍व में कुछ बड़े व्‍यवसाय घरानों में कार्य संभाल रहे हैं तथा उनके उद्योगों को ढ़ालने में अपना योगदान दे रहे हैं तथा राष्‍ट्र की सेवा कर रहे हैं।