निदेशक की कलम से

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आईआईएफटी का इतिहास वर्ष 1963 से प्रारंभ हुआ जब भारत सरकार ने इसे अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार और व्‍यवसाय में उत्‍कृष्‍ट केन्‍द्र के रूप में स्‍थापित किया था। सरकार के लिए थिंक टैंक के रूप में अपनी शुरूआत करने वाला आईआईएफटी, 1990 के दशक तक एक बिजनेस स्‍कूल बनने के लिए आगे बढ़ गया। कुछ ही वर्षों में, आईआईएफटी ने व्‍यापार और वित्‍त पर विशेष ध्‍यान देते हुए स्‍वयं को भारत के शीर्ष बिजनेस स्‍कूलों में से एक के रूप में स्‍थापित किया। आज संस्‍थान के पूर्व छात्र उच्‍च पदाधिकारी व व्‍यापार जगत के अग्रणी हैं और इस प्रकार अपनी उपलब्धियों से उन्‍होंने हमें गौरवांवित किया है। संस्‍थान अपने छात्रों को शतप्रतिशत नौकरियां प्रदान कराता है जिसके लिए भारत एवं विदेशी शीर्ष कंपनियों के नियोक्‍ता आईआईएफटी छात्रों को नौकरियों के ऑफर प्रदान करते हैं।  वर्ष 2015-16 के दौरान, आईआईएफटी के छात्रों ने 38 राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्राप्‍त किए हैं जिनमें ''आरबीआई पॉलिसी चैलेंज 2016'' व उद्यमशीलता विकास के लिए ''एक्सिस मूव्‍स अवार्ड'' शामिल हैं। आईआईएफटी अपने प्रमुख पूर्णकालिक एमबीए व कार्यपालकों के लिए सप्‍ताहांत एमबीए कार्यक्रम और कॉरपोरेट, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा सरकारी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है।  इसके साथ ही, यह निर्यात संवर्धन और विदेशी भाषाओं के प्रमाण-पत्र कार्यक्रमों के अतिरिक्‍त उद्योग जगत के कार्यकारी अधिकारियों के लिए विभिन्‍न प्रबंधन विकास कार्यक्रम भी आयोजित करता है।

वर्ष 2002 में, आईआईएफटी को एक मानित विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिया गया था तथा वर्ष 2015 में नैक ने अपने मूल्‍यांकन द्वारा इसे ''ए'' ग्रेड के साथ मान्‍यता प्रदान की। एक विश्‍वविद्यालय के रूप में, संस्‍थान ने अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार एवं बिजनेस के क्षेत्र में छात्र एवं प्राध्‍यापकों के आपसी आदान-प्रदान के लिए विश्‍व के अग्रणी संस्‍थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर भी हस्‍ताक्षर किए हैं। आईआईएफटी दिल्‍ली परिसर के कार्यक्रमों के साथ मिलकर कोलकाता में भी एक पूर्ण एमबीए कार्यक्रम चलाता है।  कोलकाता परिसर ने कुछ ही वर्षों में, अपने प्रयासों से एक शीर्ष बिजनेस स्‍कूल के रूप में पहचान बना ली है।

एक विश्‍वविद्यालय के रूप में, संस्‍थान तीन क्षेत्रों अर्थात शिक्षण, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए कार्य करता है।  जबकि संस्‍थान का प्रमुख एमबीए कार्यक्रम राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय दोनों स्‍तरों पर बहुत अच्‍छी तरह से जाना जाता है।  आईआईएफटी में पीएचडी कार्यक्रम के साथ एक विस्‍तृत अनुसंधान कार्यक्रम भी है जिसमें अब देशभर से बिजनेस कार्यपालक, प्राध्‍यापक तथा व्‍यवसायी नामांकन कराते हैं।  इस प्रकार, संस्‍थान अपने प्रतिभाशाली छात्रों, अनुसंधान तथा पूर्व छात्रों के मजबूत आधार पर सुगमता से अपने ज्ञान के आयाम को आगे बढ़ा रहा है। साथ ही साथ, अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार पर अनुसंधान केन्‍द्र (सीआरआईटी) के माध्‍यम से सरकार के लिए थिंक टैंक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है, जहां डब्‍ल्‍यूटीओ, क्षेत्रीय संस्‍थाओं व अंतरराष्‍ट्रीय कानून  पर नियमित रूप से अध्‍ययन आयोजित किए जाते हैं। भविष्‍य में, आईआईएफटी का लक्ष्‍य न केवल शीर्ष बिजनेस स्‍कूलों में से एक बने रहना है अपितु देश के सर्वश्रेष्‍ठ विश्‍वविद्यालयों के साथ प्रतिस्‍पर्धा करना है।

प्रोफेसर मनोज पंत
निदेशक, आईआईएफटी